राम, हनुमान केले का पत्ता – ऐक्यवाद व् द्वैतवाद
28 सोमवार नवम्बर 2011
Posted कहानी, धर्मं, राम, हिन्दुइस्म, हिन्दू
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in27 रविवार नवम्बर 2011
26 शनिवार नवम्बर 2011
26 शनिवार नवम्बर 2011
26 शनिवार नवम्बर 2011
26 शनिवार नवम्बर 2011
एक नाई किसी के बाल बना रहा था | तभी फकीर जुन्नैद वहां आ गए और कहा ” खुदा की खातिर मेरी भी हजामत कर दे ” | तो नाई ने अपने गृहस्थ ग्राहक से कहा – “माफ़ कीजिये – मैं कुछ देर बाद आपकी सेवा फिर करता हूँ, खुदा की खातिर मुझे इस फकीर की सेवा पहले करनी चाहिए …” फिर उस ने पहले जुन्नैद को बड़ी इज्ज़त के साथ बैठकर उनका काम किया, और उन्हें प्रेम से विदा किया, तब अपने ग्राहक की सेवा की|
25 शुक्रवार नवम्बर 2011